बनारस में घूमने की जगह: बनारस, जिसे वाराणसी या काशी नगरी के नाम से भी जाना जाता है, भारत का सबसे प्राचीन और पवित्र शहर है। इसे “मोक्ष की नगरी” कहा जाता है, क्योंकि माना जाता है कि यहाँ प्रण त्यागने से मुक्ति प्राप्त होती है। हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक बनारस में ऐसी कई जगहें हैं, जो न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि अपने आप में एक अनोखा अनुभव प्रदान करती हैं।
यह शहर गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है और धार्मिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है, तो आप भी बनारस में घूमने की जगह ढूंढ रहें है तो आइए बनारस की प्रमुख घूमने की जगहों का सविस्तार वर्णन करते हैं।
Table of Contents
बनारस में घूमने की जगह
धार्मिक स्थल:
1. काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस (वाराणसी) का सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल है, जो गंगा नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर भगवान भोलेनाथ को समर्पित है और इसे बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
- महत्व: यह हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है।
- विशेषता: यहाँ मंदिर की स्वर्ण शिखर और गंगा नदी के निकटता इसे अनूठा बनाती है।
- आकर्षण: मंदिर के आसपास की गलियों में भारतीय संस्कृति और तीर्थयात्रियों का अद्बभुत संगम देखने को मिलता है, और यहाँ के लोकल भाषा सुनकर तो दिल गदगद हो जाता है।
2. संकटमोचन हनुमान मंदिर
यह मंदिर हनुमान जी को समर्पित है, जो भगवान राम के सबसे प्रिय भक्तों में से एक हैं। तथा बनारस में भक्तों के बीच बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है।
- विशेषता: माना जाता है कि जो भी भक्त यहाँ आता है उनके सारे संकट दूर हो जाते है।
- आकर्षण: मंदिर परिसर में बंदरो का जमावड़ा भी पर्यटकों के लिए बहुत ही रोचक होता है। मंगलवार और शनिवार को यहाँ भक्तो की भारी भीड़ होती है।
3. काल भैरव मंदिर
काल भैरव मंदिर बनारस के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव के रूप काल भैरव को समर्पित है। काल भैरव को काशी का “कोतवाल” कहा जाता है। मंदिर में प्रतिदिन भगवान काल भैरव की पूजा की जाती है, और यहाँ पर भक्तों की काफी भीड़ होती है। यहाँ दर्शन के बिना काशी यात्रा अधूरी मानी जाती है।
4. अन्नपूर्णा मंदिर
अन्नपूर्णा मंदिर बनारस (वाराणसी) के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है, जो खाने की देवी मानी जाती हैं। मंदिर में प्रतिदिन देवी अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है और यहाँ पर भी भक्तों की भीड़ ज्यादा लगती है।
- विशेषता: मंदिर में देवी अन्नपूर्णा की एक विशाल मूर्ति स्थापित की गई है, जो सोने और चांदी से बानी हुई है। मंदिर के आसपास का वातावरण बहुत ही शांत और पवित्र है, भक्तों को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
5. दुर्गा मंदिर (दुर्गाकुंड मंदिर)
दुर्गा मंदिर (दुर्गाकुंड मंदिर) बनारस में स्थित एक प्रमुख हिन्दू मंदिर है, जो माता दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर दुर्गाकुंड के पास स्थित है, जो एक पवित्र कुंड है।
- विशेषता: मंदिर में माता दुर्गा की एक विशाल मूर्ति स्थापित है, जो सोने व चांदी से बानी हुई है। मंदिर के पास एक कुंड है जिसमें भक्तगण स्नान करते है। मंदिर का ऐतिहासिक महत्ता भी बहुत अधिक है, जो बनारस की पारंपरिक संस्कृति और धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
6. तुलसी मानस मंदिर
तुलसी मानस मंदिर भारत के बनारस (वाराणसी) शहर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। इसे 1964 में बनवाया गया था और यह भगवन श्रीराम को समर्पित है। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
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7. भारत माता मंदिर
भारत माता मंदिर वाराणसी का एक अनूठा मंदिर है, जो भारत माता को समर्पित है। यहाँ संगमरमर से निर्मित भारत का भौगोलिक नक्शा स्थापित है। यह मंदिर भारतीय संस्कृति और देशभक्ति का प्रतिक है।
8. नया काशी विश्वनाथ मंदिर
नई काशी विश्वनाथ मंदिर, जिसे बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) परिसर में स्थित है। यह मंदिर अपनी भव्यता, शांति और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इसे बनारस का आधुनिक काशी विश्वनाथ मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर का निर्माण प्रसिद्ध बिरला परिवार द्वारा कराया गया।
मंदिर का निर्माण 1931 में शुरु हुआ और 1965 में पुरा हुआ। मंदिर का निर्माण सफ़ेद संगमरमर से किया गया है, जो इसे भव्य और आकर्षक बनाता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित काशी विश्वनाथ मंदिर के तर्ज पर बनाया गया है।
अगर आप कभी बनारस घूमने आते हैं तो यहाँ एक बार जरूर आये, मंदिर का वातावरण शांत और आध्यात्मिक है, जो ध्यान और साधना के लिए आदर्श है।
प्रमुख घाट
1. अस्सी घाट
अस्सी घाट बनारस के सबसे प्रमुख घाटों में से एक है, जो गंगा नदी के किनारे स्थित है।यह घाट अपनी सुंदर वास्तुकला और पवित्र वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का गंगा आरती बहुत ही प्रसिद्ध है, जो प्रतिदिन सुबह-शाम होती है। अगर आप बनारस आये हो यहाँ का गंगा आरती ज़रुर देखें ।
2. दशाश्वमेध घाट
बनारस के सबसे पवित्र घाटों में से एक दशाश्वमेध घाट, जो अपनी सुन्दर वस्तुकला और पवित्र वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर प्रतिदिन गंगा आरती होती है, आप लोग यहाँ भी ज़रुर जाइये।
3. मणिकर्णिका घाट
मणिकर्णिका घाट, भारत के वाराणसी (काशी) शहर में गंगा नदी के किनारे स्थित एक प्रसिद्ध घाट है। इसे मुख्य रूप से अंतिम संस्कार घाट के रूप में जाना जाता है, जहां मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाता है। हिंदू धर्म में यह विश्वास है कि मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार करने से आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है और जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है। मणिकर्णिका घाट पर 24 घंटे चिताएं जलती रहती हैं। बनारस घुमने जाएं तो एक बार इस घाट पर जरूर जाएं।
4. नमो घाट (खिड़किया घाट)
नमो घाट (जिसे पहले खिड़किया घाट के नाम से जाना जाता था) वाराणसी में गंगा नदी के किनारे स्थित एक नया और आकर्षक घाट है। यह घाट आधुनिकता और पारंपरिकता का सुंदर संगम है। यह घाट बनारस का सबसे नवीनतम घाट है, जिसे हाल ही में विकसित किया गया है। रात के समय घाट की आकर्षक रोशनी इसे और भी सुंदर बनाती है। बनारस घूमने आएं तो नमो घाट जरूर जाएं।
5. हरिश्चंद्र घाट
हरिश्चंद्र घाट, वाराणसी के गंगा किनारे स्थित एक पवित्र और ऐतिहासिक घाट है। यह घाट हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और इसे बनारस के सबसे पुराने घाटों में से एक माना जाता है। इसका नाम सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र के नाम पर रखा गया है।
मणिकर्णिका घाट की तरह, हरिश्चंद्र घाट भी अंतिम संस्कार के लिए प्रसिद्ध है। यहां दिन-रात चिताएं जलती रहती हैं। अगर आप वाराणसी जाते हैं, तो हरिश्चंद्र घाट पर एक बार जरूर जाएं।
6. तुलसी घाट
तुलसी घाट वाराणसी (बनारस) के पवित्र घाटों में से एक है। यह घाट गंगा नदी के तट पर स्थित है और इसका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। इस घाट का नाम महान कवि गोस्वामी तुलसीदास के नाम पर पड़ा, जिन्होंने यहाँ रहकर कई वर्षों तक रामचरितमानस की रचना की थी।यहाँ तुलसीदास जी की स्मृति में प्रतिवर्ष रामलीला का आयोजन भी होता है।
अन्य धार्मिक स्थल
1. सारनाथ
सारनाथ एक प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल है, जो भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ा हुआ है। यह स्थल बौद्ध धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है, जहाँ भगवान बुद्ध ने अपने प्रथम उपदेश को दिया था, भगवान बुद्ध के प्रथम उपदेश को धर्म चक्र प्रवर्तन कहा जाता है। सारनाथ का महत्व न केवल बौद्ध धर्म के लिए है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल भी है।
2. रामनगर किला
रामनगर का किला वाराणसी के पास गंगा नदी के किनारे स्थित एक ऐतिहासिक किला है। यह किला बनारस (काशी) के महाराजा का निवास स्थान है और अपने स्थापत्य, इतिहास, संग्रहालय और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
अनुभव लेने योग्य गतिविधियां
1. गंगा आरती
बनारस की गंगा आरती भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। यह आरती गंगा नदी के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए की जाती है, जिसे हिंदू धर्म में माँ के रूप में पूजा जाता है। वाराणसी की गंगा आरती का आयोजन प्रतिदिन शाम को होता है और यह अनुभव पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए बेहद खास होता है।
गंगा आरती बनारस के दो घाटों पर होता है। पहला दशाश्वमेध घाट और दूसरा अस्सी घाट, दशाश्वमेध घाट का गंगा आरती सबसे भव्य और आकर्षक मानी जाती है।
2. नाव की सवारी
बनारस में गंगा नदी पर नाव की सवारी आपके लिए एक अनोखा अनुभव साबित होगी। यह सवारी न केवल आपको बनारस की धार्मिकता और आध्यात्मिकता से जोड़ती है, बल्कि आपको इसके समृद्ध इतिहास और संस्कृति की झलक भी दिखाती है। चाहे सूर्योदय हो या गंगा आरती का समय, यह सवारी आपके सफर को यादगार बना देगी। इसलिए बनारस आके एक बार नाव की सवारी जरूर करें।
निष्कर्ष
बनारस में हर कोना अपनी एक अलग कहानी कहता है। यह शहर सिर्फ घूमने की जगह नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है। चाहे धार्मिक स्थल हों, ऐतिहासिक धरोहर हों, या गंगा के घाट, बनारस हर यात्री के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव लेकर आता है। इसलिए बनारस घूमने जरुर जाएं।।